The deputy government is moving towards fulfilling public concerns

Editorial:जनसरोकारों को पूरा करने की दिशा में बढ़ रही नायब सरकार

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The deputy government is moving towards fulfilling public concerns

The deputy government is moving towards fulfilling public concerns: हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सैनी के नेतृत्व में नई सरकार ने कार्यभार संभाल लिया है। निश्चित रूप से यह जन सरोकारों से जुड़ी सरकार है, क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ है कि चुनाव से पहले सरकार ने प्रदेश के युवाओं को नौकरियों का तोहफा दिया था लेकिन फिर आचार संहिता की वजह से उसे पूरा नहीं किया जा सका। लेकिन शपथ ग्रहण करने के बाद मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इस वादे को पूरा करते हुए 24 हजार युवाओं को नौकरियों का उपहार दे दिया। सरकार ने तृतीय और चतुर्थ श्रेणी पदों का रिजल्ट जारी करा दिया है।

चुनाव में भाजपा ने बगैर पर्ची-खर्ची के नौकरियां देने का दावा करते हुए विपक्ष को चुनौती दी थी। हालांकि विपक्ष की ओर से तमाम आरोप लगाए गए लेकिन प्रदेश के युवाओं ने इस बात को गंभीरता से समझा कि बीते कुछ सालों के दौरान जिस प्रकार सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता आई है, उसके लिए भाजपा सरकार को श्रेय मिलना चाहिए।

गौरतलब है कि नई सरकार ने एक और सराहनीय निर्णय लिया है, इसके तहत किडनी रोगियों का डायलिसिस नि:शुल्क करने की घोषणा की गई है। इससे पूर्व नायब सरकार ने केंद्र की आयुष्मान योजना को भी लागू किया है और इससे प्रदेश के लोगों को बड़ी संख्या में लाभ मिल रहा है। लेकिन अब किडनी रोगियों के संदर्भ में भी फैसला लेकर सरकार ने कल्याणकारी होने का एक और उदाहरण पेश किया है। मालूम हो, मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद इसकी घोषणा की है।

जाहिर है, अभी सरकार को और भी ऐसे निर्णय लेने हैं, जिनका प्रदेश की जनता इंतजार कर रही है। यह सरकार जन आकांक्षाओं की सरकार है और प्रदेश के लोगों ने इसके बीते रिपोर्ट कार्ड को समझते हुए ही इसे एक बार फिर सत्ता की कुर्सी सौंपी है। नायब सरकार का यह दायित्व है कि वह उन सभी जन आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कदम उठाए और प्रदेश को विकास की नई ऊंचाइयों की तरफ लेकर जाए।  

निश्चित रूप से विधानसभा चुनाव में जीत के बाद भाजपा की जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ जाती है। उसने जन आकांक्षाओं को समझा है और जनता यह चाहती है कि कल्याणकारी नीतियां और कार्यक्रम और तेजी से संचालित हों और प्रदेश सरकार सभी वर्गों और क्षेत्रों का समान विकास सुनिश्चित करे। भाजपा की नई प्रदेश के समक्ष यह भी चुनौती होगी कि वह अपने चुनावी एजेंडे को समयबद्ध होकर पूरा करे। वहीं मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को चाहिए कि वह जनादेश को स्वीकार करे। विपक्षी दलों को अपनी इस आदत को भी सुधारना चाहिए कि जब वे जीतते हैं तो ईवीएम सही होती है, लेकिन जब वे हारते हैं तो उसी ईवीएम में अनेक खामियां नजर आ जाती हैं। कांग्रेस नेताओं ने प्रदेश के चुनाव परिणामों पर बेहद अप्रासंगिक टिप्पणियां की हैं, वहीं चुनाव आयोग की भूमिका को भी संदिग्ध बताया है।

 यह समय प्रदेश में पक्ष और विपक्ष को साथ मिलकर काम करने का है। प्रत्येक सरकार कोई न कोई एजेंडा लेकर चलती है, जिसे पूरा किया जाना उसका दायित्व होता है। हालांकि यह जरूरी है कि भविष्य की जरूरतों के मद्देनजर ऐसी नीतियां बनाई जाएं, जिनसे प्रदेश का विकास बेहतर तरीके से सुनिश्चित हो सके। हरियाणा इस समय देशभर के तमाम राज्यों में सर्वोपरि है, यह उद्योग और शिक्षा का हब बन चुका है और पूरे देश के विकास की गति यहां से तय हो रही है। ऐसे में यह आवश्यक है कि सरकार उन क्षेत्रों की पहचान करे, जहां पर काम किए जाने की जरूरत है।

प्रदेश में गांव एक बहुत बड़ा क्षेत्र है, जिसका विकास जरूरी है। गांवों में मूलभूत समस्याएं पानी की हैं और जमीन की रजिस्ट्री संबंधी मामले भी यहां पुरजोर हैं। गांवों में अवैध कब्जे और साफ-सफाई भी एक मुद्दा है। नायब सरकार को चाहिए कि उसकी प्राथमिकताओं में गांव भी शामिल हों। गांधी जी ने भी कहा था कि गांवों से ही भारत है। हालांकि गांवों के विकास की बात आती है तो इन्हें शहरों जैसे बनाने की सोची जाने लगती है। लेकिन सच्चाई यह है कि गांवों को गांव ही रहने दिया जाना चाहिए। जरूरत इनके मूल स्वरूप को संजोए रखते हुए यहां की समस्याओं के समाधान की है।

मुख्यमंत्री नायब सैनी सूझ-बूझ वाले राजनीतिक हैं और वे सभी को साथ लेकर चल रहे हैं। निश्चित रूप से कांग्रेस और इनेलो के मजबूत विपक्ष को वे साथ लेकर चलेंगे और प्रदेश का विकास सुनिश्चित करेंगे। प्रदेश के लिए अगले पांच साल बेहद मूल्यवान रहने वाले हैं, क्योंकि इन्हीं सालों में यह तय होगा कि प्रदेश का भविष्य क्या रहने वाला है। हरियाणा के भविष्य से देश का भविष्य जुड़ा है। 

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